भारतीय क्रिकेट के पोस्टर बॉय और टीम के कप्तान विराट कोहली का नाम एक बार फिर से चर्चाओं में आ गया है, लेकिन इस बार यह क्रिकेट में उनके शानदार प्रदर्शन की वजह से नहीं बल्कि आईसीसी के कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन के कारण है। 26 दिसंबर, 2024 को मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट मैच के दौरान एक घटना घटी जिसने विराट को विवादों में ला दिया।
यह घटना ऑस्ट्रेलिया की पारी के 10वें ओवर के बाद हुई जब कोहली ने ओवर के बाद गेंदबाज सम कोनस्तास के पास जाकर उनके कंधे से हल्का संपर्क किया। इस असंवेदनशील व्यवहार की वजह से उन्हें आईसीसी की कोड ऑफ कंडक्ट के अनुच्छेद 2.12 का उल्लंघन करने वाला माना गया। यह अनुच्छेद खिलाड़ियों के बीच या अन्य किसी के साथ अनुचित शारीरिक संपर्क को मंडित करता है।
आईसीसी ने इसे लेवल 1 का उल्लंघन माना जिसे लेकर कहा जाता है कि यह कोड का सबसे साधारण उल्लंघन है। इसके तहत एक खिलाड़ी पर अधिकतम 50 प्रतिशत मैच फीस जुर्माना और एक या दो डिमेरिट पॉइंट्स का प्रावधान होता है। कोहली के मामले में उनकी मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया और एक डिमेरिट पॉइंट उनके अनुशासन रिकॉर्ड में जोड़ा गया।
विराट कोहली के लिए संतोषजनक यह रहा कि उन्होंने खुद अपनी गलती मान ली और आईसीसी के एमिराट्स एलीट पैनल के मैच रेफरी एंडी पाइकॉफ्ट द्वारा प्रस्तावित सजा को स्वीकार किया। यही वजह रही कि मामले को औपचारिक सुनवाई की जरूरत नहीं पड़ी।
डिमेरिट पॉइंट की जिक्र लेते हुए यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि अगर किसी खिलाड़ी को 24 महीने की अवधि में चार या अधिक डिमेरिट पॉइंट मिलते हैं तो उन्हें सस्पेंशन पॉइंट्स में परिवर्तित किया जाता है। सस्पेंशन पॉइंट्स का मतलब होता है कि खिलाड़ी को प्रतिबंधित किया जाएगा। प्रतिबंधित खिलाड़ी पर दो सस्पेंशन पॉइंट लगने पर उन्हें एक टेस्ट या दो वनडे या दो टी20 मैच से बाहर किया जा सकता है, जो भी उनके लिए पहले आए।
यह पहली बार नहीं है जब कोहली को अपनी भावनाओं के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा हो। वह अपनी आक्रामक खेल शैली और मैदान पर अपनी ऊर्जा के लिए जाने जाते हैं। परंतु कई बार यह आक्रामकता उन पर भारी पड़ जाती है। हालाँकि उन्होंने बेहतर प्रदर्शन के लिए यही ऊर्जा लगाई है जो प्रशंसकों को प्रभावित करती है।
क्रिकेट जेंटलमैन गेम माना जाता है और इस खेल में अनुशासन का विशेष महत्व है। खिलाड़ियों द्वारा कोड ऑफ कंडक्ट का पालन करना सुनिश्चित किया जाता है ताकि खेल में शिष्टाचार और प्रतिष्ठा बनी रहे। यह घटना हमें याद दिलाती है कि हर खिलाड़ी के लिए अनुशासन काफी जरूरी होता है और चाहे जितना बड़ा खिलाड़ी हो, नियम सभी के लिए समान होते हैं।
भारतीय क्रिकेट प्रेमी उम्मीद करेंगे कि विराट कोहली इस घटना से सीख लेकर आगे अच्छे प्रदर्शन से चर्चाओं में आएं।
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